इस बार टोक्यो ओलम्पिक में भारत के खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवा लिया है। टोक्यो ओलम्पिक के भारत के खाते में अनेक पड़ आए हैं। वहीं ओलम्पिक में पहली बार नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो के फाइनल में प्रथम स्थान पर रह कर भारत को स्वर्ण पदक दिलाया है। यह भारत द्वारा टोक्यो ओलम्पिक में जीता गया सातवां पदक था। इसके साथ ही भारत ने अपने अभी तक के लंदन ओलंपिक 2012 के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ दिया है।
टोक्यो 2020 ओलम्पिक में भारत के पदकों का खाता मीराबाई चानू ने महिला 49 किलो भारोत्तोलक में सिल्वर पदक जीत कर खोला। इसके बाद भारतीय बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने महिला वेल्टरवेल्ट वर्ग के सेमी फाइनल में ब्रॉन्ज पदक अपने नाम किया। इसके बाद पीवी सिंधु ने महिला बैट मिंटन में एक बार फिर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।
इसके बाद एक बार फिर पहलवान रवि दहिया पुरुष फ्री स्टाइल 57 किलो भार में रजत पदक विजेता बने। इसके पश्चात पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी टीम को हराकर ब्रॉन्ज पदक अपने नाम किया। पहलवान बजरंग पुनिया ने भी पुरुषों की फ्री स्टाइल 65 किलो वर्ग कुश्ती प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई। इस जीत के साथ ही भारत में पदकों की संख्या 6 हो गई थी। अब हमें अपना लंदन ओलंपिक का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए सिर्फ एक और पदक की आवश्यकता था। वह पदक हमें नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीत कर दिया। नीरज चोपड़ा भारत देश के लिए व्यक्तिगत रूप से स्वर्ण पदक लाने वाले दूसरे खिलाड़ी और पहले एथलीट बने।