दिलीप कुमार हिंदी फिल्मों के प्रसिद्ध और लोकप्रिय अभिनेता थे| वे भारतीय संसद के उच्च सदन राज्य सभा के सदस्य रह चुके हैं| दिलीप को न केवल भारत बल्कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अभिनेताओं में गिना जाता था| फिल्मों में दुःखद भूमिका निभाने के लिए मशहूर होने के कारण उन्हें ‘ट्रेजेडी किंग’ भी कहा जाता था| अभिनेत्री और निर्माता देविका रानी ने उन्हें फिल्मों में काम दिया था| उन्हीं के सुझाव पर उन्होंने अपना स्टेज नाम दिलीप कुमार रखा|
दिलीप कुमार को भारत का दूसरा एवं तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित किया है| उन्हें पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ से भी सम्मानित किया गया है|

दिलीप ने अभिनेत्री सायरा बानो से सन् १९६६ में विवाह किया| सायरा बचपन से ही अपने पसंदीदा अभिनेता दिलीप कुमार से विवाह करना चाहती थीं| विवाह के समय दिलीप कुमार ४४ वर्ष और सायरा बानो २२ वर्ष की थीं| १९८१ में उन्होंने असमा रहमान से दूसरी शादी भी की थी। असमा हैदराबाद की रहने वाली थीं। दिलीप कुमार से उनकी मुलाकात एक क्रिकेट मैच के दौरान उनकी बहनों ने कराई थी|
उन्होंने अभिनेता के तौर पर अपनी पहली डेब्यू फिल्म सन् १९४४ में ‘ज्वार भाटा’ की थी| साल १९४९ में बनी फ़िल्म ‘अंदाज़’ की सफलता ने उन्हें प्रसिद्धि दिलाई| इस फ़िल्म में उन्होंने राज कपूर के साथ काम किया था| ‘ दीदार’ और ‘देवदास’ जैसी फ़िल्मो में दुखद भूमिकाओं के लिए मशहूर होने के कारण उन्हें ‘ट्रेजिडी किंग’ का नाम दिया गया था| उन्होंने वर्ष १९६१ में ‘गंगा जमुना’ फ़िल्म का निर्माण भी किया, जिसमें उनके साथ उनके छोटे भाई नासीर खान ने काम किया| उन्होंने रमेश सिप्पी की फ़िल्म ‘शक्ति’ में अमिताभ बच्चन के साथ काम किया| इस मूवी के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी मिला था| साल १९८८ में बनी फ़िल्म ‘किला’ उनकी आखरी फ़िल्म थी| वे आज भी प्रमुख अभिनेताओं जैसे शाहरूख खान के प्रेरणास्रोत्र हैं|