15 अगस्त एक ऐसा दिन है जिसको कोई भारतवासी भूल नहीं सकता हैं। आजादी हर इंसान के लिए बहुत जरूरी होती है हर इंसान अपनी मर्जी से सब कुछ करना चाहता है। 15 अगस्त 1947 को ही भारत ने यह आजादी प्राप्त कर पाई थी। आप जानते ही है भारत का राष्ट्रगीत वंदे मातरम् है तो चलिए आज हम आपको इस गीत से जुड़े कुछ पहलुओं के बारे में बताते हैं।
बता दें कि जब आज़ाद भारत का नया संविधान लिखा जा रहा था उस समय वंदे मातरम् को न राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया और न ही उसे राष्ट्रगीत का दर्जा प्राप्त हो पाया था।लेकिन संविधान सभा के अध्यक्ष और भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने 24 जनवरी 1950 को घोषणा की थी कि वंदे मातरम् गीत को राष्ट्रगीत का दर्जा दिया जा रहा है।
वहीं वंदे मातरम् की रचना सन 1870 में बंकिम चंद्र ने की थी वह लेखक, कवि, उपन्यासकार, निबंधकार, और पत्रकार, होने के साथ साथ सरकारी अधिकारी भी थें।
उन्होंने भारत को दुर्गा का स्वरूप मानते हुए देशवासियों को उस माँ की संतान बताया। भारत को वो माँ बताया जो अंधकार और पीड़ा से गिरी हुई हैं।उन्हें इस पीड़ा से मुक्त करना हैं। उसके बच्चों से बंकिम आग्रह करते हैं कि वे अपनी माँ की वंदना करें और उसे शोषण से बचाएँ।